
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी (E3) ने ईरान को एक सख्त और साफ चेतावनी दी है — “अगस्त के आख़िर तक परमाणु डील पर फिर से बात शुरू करो, वरना फिर से पुराने ज़माने की सज़ा मिलेगी।”
यह चेतावनी संयुक्त राष्ट्र को भी भेज दी गई है ताकि मामला अब सिर्फ ‘बातों’ तक न रहे, बल्कि ‘बॉडी लैंग्वेज’ में भी दिखे।
(यानी अब कोई ‘ब्लू टिक’ इग्नोर नहीं कर सकता!)
क्या है ये ‘Snapback Mechanism’? नाम तो बड़ा कूल है, असर बहुत क्रूर है
‘Snapback Mechanism’ कोई Marvel का रिवर्स स्नैप नहीं, बल्कि एक डिप्लोमैटिक हथौड़ा है। इसके तहत, अगर ईरान परमाणु समझौते (JCPOA – 2015) की शर्तों का उल्लंघन करता पाया गया, तो संयुक्त राष्ट्र के वे सभी कड़े प्रतिबंध — जो 2015 से पहले लागू थे — अपने-आप फिर से लागू हो जाते हैं।
मतलब:
हथियारों पर बैन
अंतरराष्ट्रीय लेन-देन पर रोक
तेल बिक्री पर रोक
और डिप्लोमेटिक तिरस्कार का बोनस
ईरान की शर्त: पहले प्रतिबंध हटाओ, फिर करेंगे बात
ईरान ने पहले ही साफ किया था कि वो बातचीत तभी करेगा जब:
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मौजूदा प्रतिबंध हटा दिए जाएं
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उसके नागरिक परमाणु कार्यक्रम के अधिकार को मान्यता दी जाए
मतलब: “पहले Ice Cream दो, फिर Homework करूंगा।”
लेकिन E3 देशों का कहना है — “Homework करो, तभी Ice Cream मिलेगी।”
कहां फंसी बात और कौन ज्यादा अकड़ में है?
E3 देशों का कहना है कि उन्होंने बातचीत के लिए समय सीमा अगस्त के अंत तक बढ़ाई, लेकिन ईरान ने कोई जवाब नहीं दिया।
(शायद ईरान सोच रहा हो — “Seen किया है, रिप्लाई का मन नहीं है!”)

लेकिन ईरान का जवाब भी कम दिलचस्प नहीं — “हम बातचीत को तैयार हैं, पर हमारी शर्तों पर।”
यानी अब अंतरराष्ट्रीय राजनीति Tinder चैट बन चुकी है — मैच तो हो गया, पर कोई पहले Hi नहीं बोल रहा।
क्यों है ये मसला इतना गंभीर? सिर्फ Middle East ही नहीं, पूरी दुनिया देख रही है
ईरान का परमाणु कार्यक्रम पहले से ही विवादित रहा है। अमेरिका 2018 में ट्रंप काल में डील से बाहर हो गया था, और उसके बाद से
E3 ही उस डील को बनाए रखने का सबसे बड़ा “Diplomatic Support System” बना रहा है।
अब अगर E3 भी “स्नैपबैक” वाला बटन दबा दे, तो ईरान फिर से अंतरराष्ट्रीय बायकॉट जोन में जा सकता है — जो उसके लिए आर्थिक, रणनीतिक और राजनीतिक रूप से भारी नुकसान साबित हो सकता है।
अब गेंद तेहरान के पाले में है, लेकिन टाइमर चालू हो चुका है!
अब देखना ये होगा कि ईरान बातचीत की टेबल पर लौटता है या प्रतिबंधों की पुरानी जेल में। क्योंकि अगर अगस्त के आख़िर तक कोई हल नहीं निकला, तो E3 का मैसेज साफ है:
“हम फिर से तुम्हें 2015 में ले जाएंगे, और वो कोई Flashback नहीं होगा, बल्कि Snapback होगा!”
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